उपन्यास >> सुधार घर सुधार घरमित्तर सेन मीतकिरण बंसल
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सुधार घर पंजाबी कथाकार मित्तर सेन मीत के इसी शीर्षक से प्रकाशित उपन्यास का हिंदी अनुवाद है। 2008 में इस उपन्यास को पंजाबी के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। यह उपन्यास जेल-जीवन की वास्तविक स्थितियों का वर्णन करता है। कैदियों के साथ होने वाले क्रूर और अमानवीय व्यवहार के अतिरिक्त राजनीतिज्ञों और पुलिस की साँठ-गाँठ के अविश्वसनीय ब्योरे भी इस उपन्यास में सामने आते हैं। जेल के अंदर विभिनन श्रेणियों के क़ैदियों के लिए प्रयुक्त होने वाली शब्दावली, श्रेणियों के हिसाब से मिलने वाली सुविधाएँ और उन सुविधाओं को पाने के लिए की जाने वाली जोड़-तोड़ भी सामने आती है। इन सब वर्णनों से पंजाब में आई समृद्धि का काला चेहरा भी प्रदर्शित होता है। बढ़ते पैसे ने सामाजिकता का सारा ताना-बाना ही छिन्न-भिन्न कर दिया है। भौतिक लाभ के लिए किसी को भी अपने रास्ते से हटाया जा सकता है; फिर चाहे वह अपना भाई, पिता, दोस्त ही क्यों न हो। पंजाब के आधुनिक समाज और अपराध से उसके रिश्ते को बेबाकी से सामने लाती यह मार्मिक कृति कई अर्थ-छटाओं वाले अविस्मरणीय आख्यान से समृद्ध है।
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